आज के डिजिटल युग में जहां परिवार एक ही छत के नीचे रहते हुए भी एक-दूसरे से मीलों दूर हो गया है, ZEE5 एक नई, अनोखी और बेहद प्रासंगिक कहानी लेकर आया है जिसका नाम है “थोड़े दूर थोड़े पास”। यह फैमिली ड्रामा सीरीज़ 7 नवंबर, 2025 से ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है और रिलीज़ होते ही इसने अपनी दिल छू लेने वाली कहानी से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बना ली है। इस शो की सबसे बड़ी खासियत है दिग्गज अभिनेता पंकज कपूर की लंबे समय बाद दमदार वापसी, जिनके साथ मोना सिंह और कुणाल रॉय कपूर जैसे प्रतिभाशाली कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं।
क्या है कहानी? एक करोड़ रुपये का अनोखा चैलेंज
“थोड़े दूर थोड़े पास” मेहता परिवार की एक दिलचस्प, भावनात्मक और आज के समय में हर घर से जुड़ी हुई कहानी है। परिवार के मुखिया, एक रिटायर्ड नौसेना अधिकारी अश्विन मेहता (पंकज कपूर), इस बात से बेहद चिंतित और दुखी हैं कि उनका परिवार स्मार्टफोन, लैपटॉप और सोशल मीडिया की दुनिया में इतना खो गया है कि उनके आपसी रिश्ते कमजोर और खोखले पड़ गए हैं। घर में सब साथ तो हैं, पर असल में सब अकेले हैं।
इस बढ़ती दूरी को खत्म करने और रिश्तों की पुरानी गर्माहट वापस लाने के लिए, वह एक ऐसा अनोखा चैलेंज लेकर आते हैं जिसके बारे में सुनकर पूरा परिवार हैरान रह जाता है। वह पूरे परिवार को छह महीने के लिए पूरी तरह से “डिजिटल डिटॉक्स” पर जाने की चुनौती देते हैं – यानी कोई फोन नहीं, कोई लैपटॉप नहीं, कोई टीवी नहीं और कोई सोशल मीडिया नहीं। इस मुश्किल चुनौती को और भी दिलचस्प बनाने के लिए वह ऐलान करते हैं कि जो भी सदस्य इस चुनौती को सफलतापूर्वक पूरा करेगा, उसे एक करोड़ रुपये का इनाम मिलेगा।
इसके बाद शुरू होती है मेहता परिवार की एक मज़ेदार, भावनात्मक और यादों से भरी यात्रा, जहां वे बिना गैजेट्स के जीवन जीना सीखते हैं। यह सीरीज़ हास्य और संवेदना के एक सुंदर मिश्रण के साथ दिखाती है कि कैसे एक आधुनिक परिवार डिजिटल उपकरणों से दूर रहकर फिर से मानवीय रिश्तों, आपसी बातचीत और सच्चे जुड़ाव की खुशी को महसूस करता है।
दमदार स्टारकास्ट और पर्दे के पीछे के कलाकार
इस सीरीज़ की सबसे बड़ी यूएसपी (USP) इसकी शानदार स्टारकास्ट है, जिसने हर किरदार में जान डाल दी है।
पंकज कपूर का यादगार अभिनय
दिग्गज अभिनेता पंकज कपूर परिवार के मुखिया के रूप में अपने किरदार में पूरी तरह से छा गए हैं। एक अनुशासित लेकिन प्यार करने वाले पिता और दादा के रूप में उनका अभिनय देखने लायक है। उनकी खामोशी, उनकी आंखें और उनके संवाद बोलने का अंदाज़ ही बहुत कुछ कह जाता है। लंबे समय बाद उन्हें इस तरह के एक मजबूत किरदार में देखना दर्शकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है।
मोना सिंह और कुणाल रॉय कपूर की जोड़ी
वहीं, मोना सिंह और कुणाल रॉय कपूर ने भी अपने-किरदारों को बखूबी निभाया है। वे आज की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके लिए बिना फोन और इंटरनेट के एक दिन भी गुजारना मुश्किल है। डिजिटल डिटॉक्स के दौरान उनकी छटपटाहट और फिर धीरे-धीरे रिश्तों को फिर से खोजने का उनका सफर कहानी को और भी मनोरंजक बनाता है। इनके अलावा सीरीज़ में आयशा कादुस्कर, गुरप्रीत सैनी और सरताज सिंह भी अहम भूमिकाओं में हैं। इस सीरीज़ का निर्देशन अजय भुयान ने किया है और इसे शीर्षक एस. आनंद ने बनाया और लिखा है।
कैसी है दर्शकों और आलोचकों की प्रतिक्रिया?
इस सीरीज़ को एक ताज़गी भरी और दिल को छू लेने वाली कहानी के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्राइम और थ्रिलर का चलन ज़्यादा है। दर्शक इसे एक संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजन बता रहे हैं, जिसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है। शो की स्पेशल स्क्रीनिंग पर कुणाल रॉय कपूर का हौसला बढ़ाने के लिए उनके भाई आदित्य रॉय कपूर और सिद्धार्थ रॉय कपूर भी पहुंचे। आदित्य ने शो की तारीफ करते हुए कहा, “मुझे यह सीरीज़ बहुत पसंद आई। इसे देखते-देखते तो मुझे भी लगा कि मुझे अपने सारे गैजेट बंद कर देने चाहिए।”
हालांकि, कुछ समीक्षकों का मानना है कि कहानी थोड़ी सीधी और अनुमानित है। जिन्हें हर एपिसोड में सस्पेंस और बड़े ट्विस्ट की उम्मीद रहती है, उन्हें यह थोड़ी धीमी लग सकती है। इसके बावजूद, शो का शक्तिशाली संदेश और सभी कलाकारों का दमदार अभिनय इसे देखने लायक बनाता है।
निष्कर्ष
“थोड़े दूर थोड़े पास” सिर्फ एक वेब सीरीज़ नहीं है, बल्कि यह एक आईने की तरह है जो आज के समाज की उस सच्चाई को दिखाता है, जहां लोग साथ होकर भी अकेले हैं। यह शो हमें याद दिलाता है कि असली खुशी गैजेट्स की स्क्रीन पर नहीं, बल्कि अपनों के साथ बिताए पलों में है। अगर आप एक हल्की-फुल्की, मनोरंजक और एक अच्छे संदेश वाली सीरीज़ देखना चाहते हैं, तो इसे अपनी वॉच-लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।



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