देशभर में मानसून अब पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है और आज 9 जुलाई को भी इसका असर लगभग सभी राज्यों में देखने को मिल रहा है। खासकर उत्तर भारत और पश्चिमी तट के इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। मौसम विभाग ने कई राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, असम और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन इलाकों में अचानक तेज बारिश के कारण जलभराव, ट्रैफिक जाम और जनजीवन पर असर पड़ने की संभावना जताई गई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले 48 घंटों तक मानसून का यह प्रभाव और भी व्यापक हो सकता है।
दिल्ली – सुबह की राहत, लेकिन दोपहर से शाम तक गरज के साथ बारिश की संभावना
राजधानी दिल्ली में सुबह का मौसम कुछ हद तक साफ़ था, लेकिन बढ़ती नमी और बादलों की आवाजाही यह संकेत दे रही है कि दोपहर बाद गरज के साथ तेज बारिश हो सकती है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में उमस और गर्मी का दौर जारी था, जिससे लोग परेशान थे। आज की संभावित बारिश से लोगों को राहत जरूर मिलेगी, लेकिन ट्रैफिक व्यवस्था और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति चिंता का विषय हो सकती है। मेट्रो और बस सेवाओं पर असर पड़ सकता है और लोगों को यात्रा के दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए।
मुंबई – समुद्री हवा और भारी बारिश का दोहरा असर
मुंबई में आज सुबह से ही समुद्री हवा में नमी और बादल का असर दिखाई देने लगा था। मौसम विभाग के अनुसार, शहर में दिन के दौरान कई बार मध्यम से लेकर भारी बारिश हो सकती है। इससे न केवल यातायात पर असर पड़ेगा, बल्कि शहर के कुछ हिस्सों में जलभराव की स्थिति भी बन सकती है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने पानी निकासी और सड़कों की सफाई को लेकर अलर्ट जारी किया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और समुद्री गतिविधियों को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।
चेन्नई – बादल छाए रहेंगे, नमी बनी रहेगी, दोपहर बाद हल्की बारिश के संकेत
चेन्नई में सुबह से ही आसमान में बादलों का कब्जा है और वातावरण में भारी नमी महसूस की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, दोपहर के बाद शहर के कई इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। हालांकि, अधिकतर समय मौसम उमस भरा बना रहेगा। यह स्थिति बच्चों और बुजुर्गों के लिए असहज हो सकती है, इसलिए घर में ठंडक बनाए रखना जरूरी होगा। जिन लोगों को एलर्जी या सांस की समस्या है, उन्हें आज विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
कोलकाता – उमस और बारिश दोनों का असर जारी
कोलकाता में आज का दिन भी उमस और बारिश की मिली-जुली स्थिति लेकर आया है। सुबह के समय हल्की बारिश ने वातावरण को थोड़ी राहत दी, लेकिन बाद में उमस ने फिर से लोगों को परेशान किया। मौसम विभाग ने दोपहर से लेकर शाम तक फिर से हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। व्यापारिक क्षेत्रों और भीड़भाड़ वाली सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन सकती है। प्रशासन ने नालियों और जल निकासी व्यवस्था की निगरानी के निर्देश दिए हैं ताकि बारिश से जनजीवन बाधित न हो।
मध्य प्रदेश – भोपाल और इंदौर में झमाझम बारिश से मौसम सुहाना, लेकिन सावधानी जरूरी
भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में आज मानसून पूरी तरह सक्रिय दिखाई दिया। सुबह से ही बादल छाए हुए थे और दोपहर तक तेज बारिश के कई दौर देखे गए। किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो रही है क्योंकि खेतों में पानी की कमी दूर हो रही है। हालांकि शहरी क्षेत्रों में जलभराव और ट्रैफिक की दिक्कतें देखने को मिलीं। प्रशासन द्वारा सड़क किनारे की नालियों को साफ़ करने और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई है। आने वाले 24 घंटों तक और बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
रीवा और आसपास – बारिश ने दी राहत, लेकिन सड़कें फिसलन भरी
रीवा जिले में भी आज सुबह से ही मौसम सुहाना बना हुआ है। धीरे-धीरे शुरू हुई बौछारों ने दोपहर तक जोर पकड़ लिया। बारिश से किसानों को राहत जरूर मिली है, लेकिन शहर के अंदर सड़कों पर फिसलन और कीचड़ की स्थिति बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। स्कूली बच्चों और दोपहिया वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। आज शाम तक हल्की बारिश के और भी दौर देखे जा सकते हैं।
सुझाव और सावधानियाँ – बदलते मौसम में लापरवाही न करें
देशभर में हो रही बारिश से वातावरण तो ताजा हो गया है, लेकिन इसके साथ कुछ सावधानियाँ भी जरूरी हो गई हैं। अगर आप किसी आवश्यक कार्य से बाहर निकल रहे हैं तो छाता या रेनकोट साथ रखें। सड़कों पर गाड़ी चलाते समय ब्रेक की दूरी बनाए रखें क्योंकि सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं। बुजुर्गों और बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी जाती है। किसानों को खेतों में जलभराव रोकने के उपाय करने चाहिए ताकि फसलों को नुकसान न हो। शहरों में प्रशासनिक व्यवस्था पर भी नज़र रखनी जरूरी है ताकि आपदा से निपटा जा सके।