भारत और चीन ने हाल ही में एक अहम कूटनीतिक बैठक के दौरान सीधी वाणिज्यिक उड़ानों को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। यह फैसला दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और कोविड के बाद ठप पड़ी यात्रा सेवाओं के बीच एक बड़ी राहत लेकर आया है। विदेश मंत्रालय की इस बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया कि अब यात्रियों को बीजिंग, शंघाई और नई दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों के बीच सीधी फ्लाइट्स का इंतजार ज्यादा दिन नहीं करना पड़ेगा।
🔷 क्यों रुकी थीं उड़ानें?
कोरोना महामारी के दौरान लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी गई थीं। खासकर चीन से आने-जाने वाली फ्लाइट्स को लेकर और भी ज्यादा सतर्कता बरती गई थी। इसके अलावा, पिछले कुछ सालों में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव और कई राजनीतिक घटनाओं ने भी उड़ानों को फिर से शुरू करने में बाधा डाली।
🔷 अब क्या बदलेगा?
यात्रियों को सीधी उड़ानों की सुविधा मिलेगी, जिससे यात्रा समय और लागत दोनों में कमी आएगी।
व्यापारियों और छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी, जो चीन में पढ़ाई या बिजनेस के लिए जाते हैं।
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और आर्थिक रिश्तों में सुधार का संकेत मिलेगा।
एयरलाइनों को भी रूट्स और कमर्शियल ऑपरेशंस को फिर से व्यवस्थित करने का मौका मिलेगा।
🔷 किन शहरों के बीच उड़ानें हो सकती हैं शुरू?
संभावना है कि शुरुआती चरण में नई दिल्ली–बीजिंग, मुंबई–शंघाई, और कोलकाता–कुआंगझोऊ जैसे रूट्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इन रूट्स पर पहले से ही भारी मांग रही है और छात्र, बिजनेस डेलीगेशन, और टूरिस्ट्स की संख्या भी ज्यादा होती है।
🔷 दोनों देशों के बयान
भारत की ओर से विदेश मंत्रालय ने कहा,
“हम आशा करते हैं कि सीधी उड़ानें जल्द बहाल होंगी जिससे हमारे नागरिकों को सुविधा मिलेगी।”
वहीं चीन ने भी सकारात्मक संकेत देते हुए कहा,
“दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए हम उड़ानों को फिर से शुरू करने के पक्ष में हैं।”
🔷 यात्रियों को कैसे होगा फायदा?
ट्रांजिट या लंबी रूट वाली फ्लाइट्स से छुटकारा
टिकट की कीमतों में कमी की उम्मीद
यात्रा में लगने वाले समय में भारी बचत
व्यापार और शिक्षा से जुड़े लोगों को सुविधा
वीसा प्रोसेसिंग और इंट्री को लेकर उम्मीद की जा रही है कि नियम सरल किए जाएंगे
🔷 सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल पर भी होगा ध्यान
हालांकि उड़ानें शुरू होंगी, लेकिन यात्रियों को कोविड से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य जांच और प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। संभवतः आरटी-पीसीआर रिपोर्ट, थर्मल स्कैनिंग और एयरपोर्ट पर हेल्थ डेक्लरेशन जैसी चीजें अभी भी लागू रहेंगी।
🔷 ये क्यों है एक बड़ा कूटनीतिक कदम?
भारत–चीन के संबंध हाल के वर्षों में काफी तनावपूर्ण रहे हैं। ऐसे में उड़ानों की बहाली एक सकारात्मक संकेत है कि दोनों देश आपसी रिश्तों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ेगा और अन्य द्विपक्षीय मुद्दों को हल करने का रास्ता भी खुलेगा।
🔷 क्या कहना है ट्रैवल इंडस्ट्री का?
ट्रैवल एजेंट्स और एयरलाइंस इस खबर से काफी उत्साहित हैं। कई कंपनियों ने कहा है कि जैसे ही उड़ानें बहाल होती हैं, टिकट बुकिंग में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा। एजुकेशन कंसल्टेंट्स ने भी कहा है कि चीन में पढ़ाई करने वाले हजारों भारतीय छात्रों को इससे राहत मिलेगी।
🔷 निष्कर्ष में
भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों का फिर से शुरू होना सिर्फ यात्रा की सुविधा नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों का भी संकेत है। इस फैसले से लाखों यात्रियों, छात्रों और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा और आने वाले दिनों में भारत–चीन संबंधों में और सुधार देखने को मिल सकता है।