13 जून की सुबह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई।
Nifty50 गिरकर 24,550 के नीचे चला गया।
वहीं, Sensex में 1,100 से ज्यादा अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई।
इस अचानक आई गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया और बाजार में बेचैनी का माहौल बन गया है। कई निवेशकों ने अपने शेयर बेचना शुरू कर दिए, जबकि कुछ इसे खरीद का मौका मान रहे हैं।
🔷 इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई?
1. वैश्विक बाजारों में कमजोरी
अमेरिका, यूरोप और एशिया के प्रमुख शेयर बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली है। इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा।
2. अमेरिका में ब्याज दरों पर अनिश्चितता
US Federal Reserve की अगली मीटिंग में ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं। इससे वैश्विक निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं।
3. FIIs की भारी बिकवाली
विदेशी निवेशकों (FIIs) ने आज बड़ी संख्या में भारतीय शेयरों को बेचा। इससे बाजार में दबाव बढ़ गया।
4. मध्य-पूर्व और चीन के हालात
चीन की अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन और तेल के दामों में उतार-चढ़ाव से भी निवेशकों में चिंता है।
🔷 किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा असर?
बैंकिंग और फाइनेंस: ICICI, HDFC, SBI जैसे बड़े बैंक स्टॉक्स में गिरावट आई।
आईटी सेक्टर: TCS, Infosys और Wipro जैसे शेयर भी दबाव में दिखे।
मेटल और ऑटो: टाटा स्टील, JSW Steel और मारुति के शेयरों में भी गिरावट देखी गई।
तेल और गैस: क्रूड ऑयल के दाम में अस्थिरता के कारण ONGC और Reliance जैसे शेयरों पर भी असर पड़ा।
🔷 निवेशकों का रुख क्या है?
छोटे निवेशक थोड़े डरे हुए हैं और पैनिक सेलिंग कर रहे हैं।
अनुभवी निवेशक इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का मौका मान रहे हैं।
कुछ ब्रोकर्स का मानना है कि ये गिरावट कुछ दिनों की बात है और बाजार जल्दी रिकवर करेगा।
🔷 बाजार एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज:
“बाजार में गिरावट एक अस्थायी झटका है, लंबी अवधि के लिए यह एक निवेश का अच्छा मौका है।”
Zerodha के CEO नितिन कामथ:
“इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है, लेकिन इंडियन इकॉनमी की फंडामेंटल्स मजबूत हैं।”
🔷 निवेशकों के लिए सलाह
घबराएं नहीं, धैर्य रखें
बाजार में गिरावट सामान्य बात है। जल्दबाजी में कोई फैसला न लें।फंडामेंटली मजबूत शेयरों पर नजर रखें
अच्छे कंपनियों के शेयर अगर सस्ते मिलें तो सोच-समझकर खरीद सकते हैं।स्टॉप-लॉस लगाना न भूलें
अगर आप ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान को सीमित करने के लिए स्टॉप-लॉस जरूर लगाएं।डायवर्सिफिकेशन करें
सारा पैसा एक ही सेक्टर में न लगाएं।
🔷 आगे क्या हो सकता है?
आने वाले हफ्तों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर फैसला और वैश्विक संकेतक बाजार की दिशा तय करेंगे।
निवेशकों को सरकार की पॉलिसी, GST कलेक्शन डेटा और मॉनसून की प्रगति पर भी नजर रखनी चाहिए।
🔷 निष्कर्ष में
आज की गिरावट ने एक बार फिर साबित किया कि शेयर बाजार उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। लेकिन अगर समझदारी से निवेश किया जाए और घबराए बिना निर्णय लिए जाएं तो ऐसी गिरावटें नुकसान की बजाय एक अवसर बन सकती हैं।