ज्यादातर बागवानों को कटिंग से पौधा उगाने के दौरान यह समस्या होती है कि वे लगाई गई कटिंग से पौधा नहीं उगा पाते या उगे हुए पौधे तेजी से नहीं बढ़ते, जिसका मुख्य कारण है कि उन्होंने रूटिंग हार्मोन का उपयोग नहीं किया है।

वास्तव में, रूटिंग हार्मोन एक प्रकार की पाउडर या द्रव रूप में होता है, जो कटिंग से पौधा उगाने में सहायता करता है। चलिए जानते हैं कि घर पर कटिंग या कलम से पौधे उगाने के लिए कौन कौन से रूटिंग हार्मोन हैं।

एलोवेरा सबसे अच्छी तरह प्राकृतिक रूटिंग हार्मोन के रूप में कार्य करता है, इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं

एलोवेरा रूटिंग हार्मोन

शहद भी प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुणों से भरपूर होती है, जो नई कटिंग को रोगों व बीमारियों से बचाती है।

हनी रूटिंग हार्मोन

दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो पौधों को फफूंद से बचाने, पौधों के घावों को भरने और पौधों की हेल्दी ग्रोथ को प्रोत्साहित करने के लिए की जाती है।

दालचीनी रूटिंग हार्मोन

एप्पल साइडर विनेगर जड़ वृद्धि के लिए आपकी बहुत मदद कर सकता है। यह एक बेस्ट होममेड ऑर्गेनिक रूटिंग हार्मोन है, जो कटिंग में जड़ों को तेजी से बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

एप्पल साइडर विनेगर रूटिंग हार्मोन

डिकल में मिलने वाली एस्पिरिन (325 मिलीग्राम) की गोली से भी एक एफेक्टिव रूटिंग हार्मोन तैयार किया जाता है, जो पौधे की जड़ों को तेजी से फैलने में मदद करता है।

एस्पिरिन रूटिंग हार्मोन

पौधों की ग्रोथ और उपज बढ़ाने के साथ वर्मीकम्पोस्ट टी (वीसीटी), मिट्टी में मौजूद हानिकारक कवक, जीवाणु रोगों और नेमाटोड संक्रमण को कम करने के लिए जानी जाती है।

वर्मीकम्पोस्ट टी रूट हार्मोन

ऑर्गेनिक विलो वाटर रूटिंग हार्मोन बनाने के लिए ताज़ी कटी हुई विलो की शाखाओं या टहनियों को सादे पानी में डुबोकर एक अंधेरी और ठंडी जगह पर लगभग 2-3 दिनों के लिए रखें। 3 दिन बाद विलो वाटर को छान लें और इसे तुरंत रूटिंग हार्मोन के रूप में इस्तेमाल करें।

विलो वाटर रूटिंग हार्मोन

आलू पोषक तत्वों का एक जबरदस्त स्रोत हैं। इसमें न केवल पोषक तत्व होते हैं, बल्कि वे नमी से भी भरपूर होते हैं, जो कटिंग ग्रो करने के लिए नेचुरल रूटिंग हार्मोन के रूप में उपयोग किये जाते हैं।

पोटैटो रूटिंग हार्मोन