500 बरस के इंतजार के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन गया है. रामलला अपने आसन पर विराजमान भी हो गए.
अब तो बस 22 जनवरी यानी प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार है. 7 हजार मेहमान प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं.
देर रात राम मंदिर के गर्भ ग्रह में विराजमान बाल रूप के रामलला की पहली तस्वीर सामने आई है.
आइये जानते है गर्भगृह में विराजमान रामलला की मूर्ति में क्या खास
इसमें रामलला की मोहक छवि नजर आ रही है.
इसमें रामलला के सिर पर मुकुट सजा है, हाथों में धनुष-बाण हैं. मूर्ति को फूल मालाओं और आभूषणों से सजाया गया है.
मूर्ति में सूर्य, ऊं, गणेश, चक्र, शंख, गदा, स्वास्तिक और हनुमानजी की आकृति बनी हुई है
मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की इस मूर्ति को दिव्य औऱ भव्य बनाया है.
रामलला की मूर्ति श्याम शिला से बानी है जिसकी कीआयु हजारों साल होती है
य जल रोधी होती है, चंदन-रोली से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होती है.
इसमें भगवान राम के 10 अवतार 1-मत्स्य, 2- कूर्म, 3- वराह, 4- नरसिंह, 5-वामन, 6- परशुराम, 7- राम, 8- कृष्ण, 9- बुद्ध और 10वां कल्कि अवतार का वर्णन है.
मूर्ति कमलदल पर खड़ी मुद्रा में है. रामलला के हाथ में तीर और धनुष हैं, मूर्ति में 5 साल के बच्चे की बालसुलभ कोमलता झलकेगी.